- Ujjain: बैकुंठ चतुर्दशी आज, गोपाल मंदिर पर होगा अद्भुत हरि-हर मिलन; भगवान विष्णु को जगत का भार सौंपेंगे बाबा महाकाल
- भस्म आरती: रजत सर्प, चंद्र के साथ भांग और आभूषण से किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, श्रद्धालुओं ने लिया भगवान का आशीर्वाद
- Tulsi Vivah: आखिर क्यों भगवान विष्णु को लेना पड़ा शालिग्राम स्वरूप? पढ़ें ये पौराणिक कथा
- भस्म आरती: भगवान गणेश स्वरूप में किया गया बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार, चारों ओर गूंजे जय श्री महाकाल के जयकारे
- अखिल भारतीय कालिदास समारोह 12 से 18 नवंबर तक, उपराष्ट्रपति जगदीश धनखड़ ने किया समारोह शुभारंभ; कलाकारों को दिए कालिदास राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान
भस्म आरती : रविवार तड़के तीन बजे खोले गए मंदिर के कपाट, चन्दन ड्रायफ्रूट और आभूषणों से हुआ भगवान का राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया :
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार तड़के तीन बजे सभा मंडप में वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन कर घंटी बजाकर भगवान से आज्ञा लेकर सभा मंडप वाले चांदी के पट खोला गया. उसके बाद गर्भगृह के पट खोलकर भगवान को जल से स्नान कराया गया. वहीं नंदी हाल में नंदी जी का स्नान,ध्यान, पूजन किया गया।
बता दे की मंदिर के कपाट खुलने के बाद भगवान महाकाल का दूध,दही,घी,शहद फलों के रस से बने पंचामृत से अभिषेक पूजन किया गया। जिसके बाद भांग चन्दन ड्रायफ्रूट और आभूषणों से बाबा महाकाल का राजा स्वरूप दिव्य श्रृंगार किया गया। फिर बाबा महाकाल को रत्रिपुण्ड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित कर भगवान महाकाल को भस्म चढ़ाई गई. इस दौरान बाबा महाकाल ने शेषनाग का रजत मुकुट रजत की मुण्डमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ-साथ सुगन्धित पुष्प से बनी फूलों की माला धारण की. बाबा को फल और मिष्ठान का भोग लगाया।
वहीं, मंदिर में जैसे ही बाबा महाकाल के दर्शन शुरू हुए वैसे ही चारों ओर जय श्री महाकाल की गूंज गुंजायमान हो गई और बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया.